सरस्वती पूजा जीवन में हमारे विकास और खुशियों की जड़ है | Saraswati Puja is root of our growth & happiness in life
Knowledge of Saraswati Puja:- सरस्वती यानी ज्ञान यानि ज्ञान की देवी, जिसे हम अपने भारतीय संस्कृति में विद्या या knowledge भी कहते हैं।Basant Panchami – माघ मास की पंचमी तिथि को भारतीय संस्कृति में इसे मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती देवी के स्वरूप में ज्ञान शक्ति की पूजा की जाती है। इस दिन कलाकार अपनी कला की पूजा करते है, विधार्थी अपनी विद्या की पूजा करते हैं।
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माँ सरस्वती:|saraswati Puja 2022:
Saraswati God | 369
ब्रह्म ने सृष्टि की रचना के बाद, सृष्टि में वाणी को प्रकट करने के लिए इस शक्ति को प्रकट किया। इनको सरस्वती रूप में संसार ने जाना और माना।विद्या ज्ञान और वीणा की देवी कहलाई।इन्होंने सृष्टि में संगीत भरा, आनंद, हर्ष, उल्लास, समृधि, की तरंग भरी।
Basant Panchami special:
बसंत मन की एक स्थिति भी है, प्रकृति का श्रृंगार् भी है, और यह भौतिक से ज्यादा मानसिक परिवर्तन का उत्सव है। दुर्गा के ९ अवतार में सरस्वती का अवतार ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। जिनके हाथों में वीणा, माला, वाहन हंस, श्वेत वसत्र धारण, किये रहती हैं। आज का दिन इनका प्राकटय दिवस, या सृष्टि का जन्म दिवस के रूप में भी माना जाता है। यह शीत ऋतु का अंत और ग्रिसम ऋतु की शुरूआत होती है ।महिलाओं में सौंदर्य का प्रतिक होता है, यह हिंदू त्यौहार, बसंत पंचमी।
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बसंत पंचमी २०२२:
बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है मानव तो क्या पशु-पक्षी तक का उल्लास से भर जाते हैं नई उमंग का संचार होता है नई चेतना आती है।
भौतिक रूप से अगर कहे तो यह कलियां, पल्लव, फल, फूल पत्तों के खीलने का समय होता है। बदलाव का मौसम, वतावरण के खुशनुमा बदलाव का समय होता है, जब मन में भी तरंगें उठने लगती है। उत्साह और उमंग का यह त्यौहार है। इस मौसम में प्रकृति जिस तरह करवट बदलती है, उसमें सभी जीव जंतु, मानव, खुशियों से सराबोर हो जाते हैं, प्रफुल्लित हो उठते हैं। मौसम समान रूप से हो जाता है, ना ठंड ना गरम। भीनी भीनी ठंडी हवाएं, प्रकृति का स्वरूप, सुंदर से भी अति सुंदर हो जाता है।
हिंदू संस्कृति में इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने का महत्व है। हर मानव इस दिन पीले रंग की के वस्त्रों को धारण करता है, स्त्रियां पीले रंग के वस्त्रों से अपने सौंदर्य का निखार करती है, जो इस त्यौहार को सौंदर्य स्वरूप और सुंदर बना देता है।
ज्ञान की देवी: The Hindu Godess of Wisdom:
इस दिन को श्री, अर्थात विद्या की अधिष्ठात्री देवी महासरस्वती का जन्मदिन स्वरूप भी मनाया जाता है। हमारी भारतीय संस्कृति मानती है इस दिन को सरस्वती की साधना में अर्पित करती है। यह दिन अब स्कूल और कॉलेजों में मनाने तक सीमित रह गया है पर इस त्यौहार को सारे देश को, यहां तक कि सारे विश्व को मनाना चाहिए। क्योंकि ज्ञान के बिना हर मनुष्य अपूर्ण है, ज्ञान के बिना किसी चीज का आनंद नहीं लिया जा सकता, ज्ञान के बिना हमारा जीवन अधूरा रह जाता है। ज्ञान के बिना हम प्रयोग भी नहीं कर पाते। ज्ञान के बिना हमारे पास साधन उपलब्ध होते हुए भी उसका उपयोग नहीं कर पाते, और इस वजह से हम जीवन के आनंद से भी वंचित रह जाते हैं।
Reading passion people in world are super power: जय माँ सरस्वती:
Israel, एक ऐसा पढ़ने वाला सुपर पॉवर देश है, जहाँ book reading का लोगों को इतना शौक होता है की Bus Stop पर भी library बनाई जाती है। यह देश Happiness में भी १२ वां स्थान रखता है। यहाँ हर उम्र के लोग पढ़ना पसंद करते हैं। यह बात इसलिए ध्यान देने की है कि ऐसा देखा गया है, जिस देश के लोग जितने अधिक पढ़े लिखे हैं, जिनको पढ़ने का शौक है, वही देश अपने स्वास्थ्य अपनी समृद्धि, सफलता, और सुरक्षा और खुशियों में आगे हैं।
मां सरस्वती की कृपा
पुस्तकधारीनि, वीणा वादिनी, मां सरस्वती की ज्ञान रूपी कृपा जब होती है, तभी हमें जीवन के रहस्यों को समझने की सूक्ष्म दृष्टि प्राप्त होती है, जिससे हमारा जीवन सरलता और प्रसन्नता से चल पाता है। ऐसा भी देखने में आता है जिसके पास जितना ज्ञान होता है उतनी ही लक्ष्मी को वह सृजन कर पाता है।
माँ सरस्वती वंदना।
मां सरस्वती को हमारे शास्त्रों में बागेश्वरी, भगवती, शारदा, वीणा वादिनी, वाग्देवी, अनेकों नामों से पूजा जाता है। यह विद्या और बुद्धि की प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण यह संगीत की देवी भी है। हमारे हिंदू सनातन धर्म में श्री कृष्ण ने सरस्वती से प्रसन्न होकर, उन्हें बसंत पंचमी के दिन पूजित होने का वरदान भी दिया है। इस वजह से मां सरस्वती की पूजा अति धूम धाम से भारतीय संस्कृति में की जाती है।
बसंत पंचमी हर मानव कलाकार का दिन
हम मानव कलाकार ही होते हैं। भले ही सबका कार्य अलग अलग होता है। हम सब ज्ञान और बुद्धि के अनुसार ही अपना जीवन यापन करते हैं।
विद्या और कला की देवी मां सरस्वती का कलाकारों के लिए विद्या प्राप्त करने वालों के लिए बहुत महत्व दिया जाता है, किंतु इस बात को हमें जानने की जरूरत है कि हम सरस्वती के बिना मानव ही नहीं बन पाते, सरस्वती के बिना ज्ञान के बिना किसी भी भौतिक वस्तु की प्राप्ति, मानसिक खुशियों की प्राप्ति, यहां तक कि लक्ष्मी की प्राप्ति हुई भी सरस्वती के बिना नहीं हो सकती। यह विद्या, और ज्ञान शक्ति ही हमें अन्य पशु, और योनि से अलग करती है।
Know the significance of Saraswati Puja:- | सरस्वती की आराधना से जलते हैं खुशी के दिये, जीवन बनता खुशहाल
Knowledge test- हमारे द्वारा अर्जित किया हुआ ज्ञान जब विद्यालय से लेकर हम अपने कर्म क्षेत्र में पहुंचते हैं, तभी हम लक्ष्मी उपार्जन के लिए, आर्थिक स्वतंत्रता के लिए काम कर पाते हैं, हमारे ज्ञान के फल स्वरूप ही हमें लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
Knowledgeable- जानने योग्य बात यह है कि जब सरस्वती के बिना लक्ष्मी का सृजन भी कोई मानव कर नहीं सकता तब यह कैसे संभव है कि हम विद्या के बाद,हम पढ़ना छोड़ दें, ज्ञान अर्जित करना छोड़ दें। इसके बाद की पढ़ाई के subject कुछ अलग हो सकते है, या media कुछ और हो सकती है।
जिस तरह बंद कमरे में भी कुछ न कुछ धूल का अंश आ ही जाता है उसी तरह हमारे मस्तिस्क में अगर हम सकारात्मक विचार, नए विचार,रोज ना भेजें तो नकारात्मक विचार स्वयं ही आ जाते हैं। यह ज्ञान, हमारे अज्ञान रूपी पर्दे से ढका होता है। इसलिए हर इंसान को ज्ञान से रोज अपने मन और बुद्धि को पवित्र करना चाहिए, भरना चाहिए।
Knowledge infinity – यूँ तो ज्ञान अनंत है और इसकी कोई सीमा नहीं होती, इसलिए इसका कोई अंत भी नहीं होता, पर यह हम मानव के सफल जीवन के लिए, रोज कुछ न कुछ सफलता और खुशियों के लिए प्रवाह होना अति आवश्यक है।
सरस्वती से प्राप्त होता है, चुनौती से निकलने का ज्ञान
A knowledge- ज्ञान एक ऐसा अद्भुत औजार है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन को समृद्ध बना पाता है। यह ज्ञान हमें जागृत करता है। हमारी सोई हुई अवस्था से हमें जगाता है। हमें और जिज्ञासु बनाता है। हमें अपने मार्ग की रुकावट को दूर करने का पथ प्रदर्शन करता है। इस जगत में रहने की विधि सिखाता है। हमें सत्य और असत्य का निर्णय करने की शक्ति देता है।
धार्मिक दृष्टिकोण से यह भी मान्यता है, जब जब हम चुनौती और विपत्ति में फंसते हैं तो इसका भी प्रमुख कारण हमारी बुद्धि या ज्ञान मार्ग से भ्रस्ट होना ही माना जाता है। हमारे गलत निर्णय ही हमें विभिन्न चुनौतियों में फंसा देते हैं।
बसंत पंचमी कैसे मनाएं
बसंत पंचमी का यह त्यौहार हृदय के उल्लास उमंग उत्साह और मधुर जीवन का द्योतक है। इस दिन हमें नृत्य, संगीत, खेलकूद और जीवन में नई नई कला का महत्व जानकर उससे जुड़ने की जरूरत है।यह हमारे यशस्वी जीवन का भी रहस्य है, जब तक हम ज्ञान से निरंतर नहीं जुड़ते तब तक हम जीवन में निरंतर खुशियां और समृद्धि से भरा जीवन भी नहीं जी पाते। यह त्यौहार हमारे जीवन में सीखने की जागरूकता का त्योहार है। क्योंकि मनुष्य जितना सीखता है, उतना ही जीतता है, उतना ही वह जीवन में प्राप्त कर पाता है। इस दिन हम अपने गुरु, या सलाहकार के साथ समय बिताएँ।
Gyan से ही हम अपने जीवन को सुखद बना पाते हैं।
हम school, college, में पहले पढ़ते हैं, फिर परीक्षा देते हैं। और तब हमें ग्रेड या अंक मिलते हैं। हमें सफल या असफलता की उपाधि मिलती है। किंतु हमारे दैनिक जीवन में उल्टा ही होता है, जीवन हमें पहले परीक्षा पत्र दे देता है, पहले हमें परिस्थितियों में डाल देता है फिर हम उसका हल खोजने निकलते हैं। इसलिए, इस ज्ञान के महत्व को हमें समझना चाहिए। इस ज्ञान और सरस्वती की महिमा को, और इस त्यौहार को विश्व का हर प्राणी मनाए, और इसकी उपलब्धियों को हर प्राणी समझें।
Why Saraswati Puja?
जीवन को खुश होकर बिताने के लिए ज्ञान का क्या महत्व है। यह बताने के लिए सरस्वती पूजा बसंत पंचमी बहुत ही अच्छा दिन है। इसके महत्व को जानना चाहिए इसके लिए मैंने अपने जीवन में एक ब्लॉग हंसी खुशी बनाया है, जो हर मानव को खुश रहने की विभिन्न कलाओं का संदेश देता है, Skill सिखाता है। यह हमारा ब्लॉग हमारे जीवन में सफलता और खुशियों के नए रंग भरने के तरीके बताता है।इसका लाभ हर व्यक्ति को लेना चाहिए, सबको जरूर यहाँ कुछ समय बिताना चाहिए।
Earning बढ़ाने के लिए Learning बढाना जरूरी।
अपने जीवन में ऐसा मान लेते हैं कि हमारा ज्ञान लेने का समय, पढ़ाई पूरी होने के साथ-साथ ही खत्म हो चुका। किंतु जब तक हम जीवित रहते हैं, जीवन नए-नए प्रश्नपत्र भेजता है, इसलिए जरूरी है हम नए-नए ज्ञान और नए नए विचारों से रोज जुड़े रहें। जितना हम ज्ञान में निवेश करते हैं, उतने हम समृद्ध, सफल, धनी, होते चले जाते हैं। हमारे मन की सुखद स्थिति का निर्माण भी हमें ज्ञान के द्वारा ही होता है।
ज्ञान से सब दुखों की निवृति!
गीता के नायक भगवान कृष्ण का कहना है, ज्ञान से सब दुखों की निवृति स्वयं ही हो जाती है। ज्ञान हमारे मन और आत्मा का भोजन होता है।
इस ज्ञान की प्राप्ति कहाँ?
इस ज्ञान की प्राप्ति के लिए हम विद्या अर्जित के बाद भी किसी अच्छे सलाहकार से जुड़ कर रहें। जो निरंतर कथा, और, धर्म से जुड़ा व्यक्ति हो उसका संग करें। ये कोई भी हो सकता है। गुरु बना कर उनका साथ करें, या हम अपने आस पास ऐसे व्यक्ति को खोजें। अगर हम खोजने में असमर्थ हों तो Hum Social media ke माध्यम से नित्य किसी सलाहकार को सुनें।
YouTube, Google, Facebook, EBook, TV and many other…
आज की के इस सोशल मीडिया इंटरनेट के युग में अब ज्ञान हमारे मुट्ठी में है, हमारे हाथों में मोबाइल पर हम यूट्यूब, गूगल, और ईबुक के विभिन्न माध्यम से निरंतर अपने जीवन को ज्ञान समृद्ध से भरा बना सकते हैं। आजकल मार्केट में स्मार्ट टीवी भी आ गए हैं जिससे हम बड़ी स्क्रीन टीवी द्वारा ,इंटरनेट और सोशल मीडिया से आसानी से जुड़ सकते हैं। इस दौरान हमें सिर्फ इस बात को याद रखने की जरूरत है कि हम देख क्या रहे हैं। कहीं सोशल मीडिया हमारा उपयोग तो नहीं कर रहा। हम कहीं अपना पथ भटक कर समय को बर्बाद तो नहीं कर रहे, इसके लिए हमें सर्तक रहने की जरूरत है।
कुल मिला कर :
शिक्षा या ज्ञान से ही बजती है, माँ सरस्वती की वीणा, जिनसे मिलती है, जागृती, रस, धन, वैभव, समृधि, आनंद और खुशियाँ ही खुशियाँ।
जय श्री कृष्ण
Thankyou!