खेलने की आदत | महत्व | (स्पोर्ट्स) से कैसे मिलती है और खुशियां | Importance of sports
हमारे जीवन में खेलकूद बहुत ही आवश्यक है ।हमारे जीवन में मानसिक अवसाद और तनाव की स्थिति से खेलकूद हमें मुक्ति दिलाता है और हम अपने जीवन में प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। आज के इस व्यस्तता भरे जीवन में मानव इसके महत्व को भूल रहे हैं, किंतु यह हमारे जीवन में खुशियों को लाने में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। खेल से मनुष्य का संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास होता है। खेलकूद से मन में ताजगी आती है।
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खेलने कूदने से हमारा शरीर लचीला फुर्तीला ऊर्जावान और बलवान बनता है
खेलकूद से हमारे स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन का निर्माण होता है। खेल एक प्रकार का व्यायाम भी होता है, जो हमारे शरीर और मन को मजबूत और सुगठित बनाता है।यह हमारे मन का मंथन कर हमको तरोताजा बनाता है।हमारा मनोरंजन करता है।
खेल के मानवीय मूल्य | importance of sports
इसमें जीत और हार हमारे आत्मविश्वास का निर्माण कर मजबूत बनाती है। हमें जीवन में सुख और दुख की प्रत्येक परिस्थिति को भूलकर आगे बढ़ना सिखाती है। हमारे में सहनशक्ति का भी विस्तार बढ़ता है
शिक्षा में खेल का महत्व
खेल का नाम आते ही मन में उत्साह और उमंग भर जाता है ।खेलना कूदना सभी को अच्छा लगता है ,विशेष रूप से बच्चों में तो यह बहुत ही लोकप्रिय होता है ,और इसे पसंद किया जाता है। शिक्षा में खेल का बहुत महत्व होता है। इसलिए हमारे पाठ्यक्रम में स्कूल की शिक्षाओं में इसे सदैव महत्व दिया जाता रहा है। खेल सभी तरह के बैर भाव को भूलने में भी सहायक है और बच्चों के जीवन में अनुशासन के महत्व को भी सिखाता है। बच्चों में पाचन शक्ति भी बढ़ती है। बच्चों में आत्मनिर्भरता की भावना पनपती है। उसके अंदर मित्रता और टीम के साथ काम करने की भावना और कला का विकास भी होता है।
जीतने की जिद
खेलने से हम मानव में किसी को हराने की भावना का विकास नहीं होता, बल्कि हर परिस्थिति में स्वयं के जीतने की जिद के सपने बने रहते हैं ,और और यह भावना हमें दैनिक जीवन में अपने लक्ष्य तक पहुंचने अपनी समृद्धि, सफलता, और खुशियों तक पहुंचने का एक माध्यम भी बन जाती है।
खेलने से क्या होता है
खेल का सीधा संबंध हमारी शारीरिक गतिविधि और मानसिक तालमेल को एक दूसरे से जोड़ने से है,और यह योग हमारे जीवन में खुशी का अनुभव कराता है ।खेल की प्रतिक्रिया हमारे जीवन को नए जोश और उत्साह के रंग में भरती है।
खेल के दौरान हमारे मन मस्तिष्क में रक्त का संचार तीव्र गति से होने लगता है ,जिससे हमें मानसिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है ।हमारा शरीर इस दौरान सुडौल और आकर्षक बनता है ।खेल से हमारे शरीर से जो पसीना निकलता है उससे हमारे शरीर की नकारात्मक ऊर्जा का क्षय हो जाता है और हम खुशी महसूस करते है।
खेल के दौरान हमारा मन काफी गतिशील हो जाता है जिससे हम अतीत के विचारों को तुरंत भूल जाते हैं, और खुशी महसूस करने लगते हैं ।
खेल इंडोर और आउटडोर दो तरीके से खेला जाता है जिसका सीधा मतलब हमें यही समझना है कि इंडोर गेम्स मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ाता है ,और आउटडोर गेम्स हमारे मन मस्तिष्क और शरीर तीनों की गतिविधि को एक सूत्र में बांधकर हमें खुशियां देता है ,तरो ताज़ा महसूस करवाता है।
मानव और खेल पद्धति
खेल का इतिहास का भी काफी महत्वपूर्ण रहा है। इतिहास की घटनाओं से भी ऐसा देखा जाता रहा है कि खुशी के लिए लोग खेल को अपने दैनिक जीवन में स्थान देते रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण चौसर आदि खेल खेला करते थे, तथा भागवत की कथाओं में ऐसा देखा जाता है कि भगवान ने अपने ग्वाल बालों के साथ भी विभिन्न तरह के खेल खेले ।
उन खेल से बचें,जो समय काफी लेता है।
ऐसे देखा जाए तो विश्व भर में हजारों तरह के खेले जाते हैं, अपितु हमारे देश में क्रिकेट का चलन इन दिनों काफी बढ़ रहा है, जिस पर हमें ध्यान देना है। यह क्रिकेट हमारे समय को काफी नुकसान पहुंचाता है,और ऐसा देखा जाता है कोई भी विकसित देश इस खेल को नहीं खेलता क्योंकि इसे खेलने और देखने वाले को समय काफी देना होता है, और लाभ कुछ विशेष दिखाई नहीं देता।
स्क्रीन पर खेल से भी बचे।
हम लोगों में फैलता यह स्क्रीन के माध्यम से खेलों का चलन भी बहुत सावधानी पूर्वक ही हमें कुछ नियमित समय के लिए ही खेलना चाहिए। यह हमारी आंखों को काफी क्षति पहुंचाता है वह लोग इसे घंटो घंटो खेल कर अपना समय भी बर्बाद करते हैं।हम खेल को आनंद और प्रसन्नता की प्राप्ति के लिए खेलते हैं, और यह मोबाइल द्वारा प्रचलित होता खेल हमारे मन मस्तिष्क को भी थकाता है, और हमारी ऊर्जा शक्ति भी निष्क्रिय होती है।
उन खेलों का प्रचार और प्रसार होना चाहिए, जिसमें समय भी कम लगे और हमारे शरीर से पसीना भी खूब निकले, फौरन हम अपने आप को तरोताजा महसूस कर सके ।मेरी समझ में फुटबॉल का खेल इस तरह का हो सकता है।
अब खेलने से केवल स्वास्थ्य ही उत्तम नहीं बनता बल्कि हमारा चरित्र भी बनता है। खेलना हमें आजकल के दौर में यश और धन दिलाने का साधन भी बन चुका है ।आजकल खेल के राष्ट्रीय आयोजन में इनाम और विज्ञापन कंपनियों के माध्यम से खेलने वाले खिलाड़ी काफी मात्रा में धन भी कमाते हैं और खुशियों का अनुभव करते हैं। खेलने की इस आदत से व्यक्ति का सम्मान और राष्ट्र का गौरव दोनों बढ़ते हैं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी रूचि के अनुसार जीवन में कुछ खेल को खेलने की आदत भी बनानी चाहिए।
आज भी खेल का ओलंपिक के रूप में खेलों आयोजन किया जाता है जिस दौरान इंदौर और आउटडोर सभी तरह के खेल खेले जाते हैं ।
खेल के दौरान हमारा मन और मस्तिष्क ,नई स्फूर्ति ,नई उर्जा, का निर्माण करता है ।जीवन में प्रत्येक परिस्थिति में खेलों का योग हमें खुशियां दे सकता है । जीवन में हम खेलों को स्थान देकर भी खुशियों का अनुभव कर सकते हैं अतः हमें अपने दैनिक जीवन में इसका भी महत्व समझना चाहिए। खेल खेलना जिसे अच्छा लगा ,वो ही जीवन के खेल में भी खुशियों भरा जीवन जीता है।
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण