विश्व नींद दिवस | World Sleep Day
विश्व नींद दिवस यह प्रत्येक वर्ष 21 मार्च से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को यह दिन मनाया जाता है जिसे विसूव कहते हैं विसुव ऐसा समय बिंदु होता है जिसमें दिन और रात दोनों बराबर होते हैं। यह दिवस मार्च के तीसरे शुक्रवार यानि की १७ मार्च को को मनाया जाता है। जो की इस वर्ष 17 मार्च को मनाया जाएगा।
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क्यों मनाते हैं?
नींद के महत्व को रेखांकित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद कितनी जरूरी है यह हम सब मानव को पता है लेकिन एक सर्वेक्षण से यह पता चला है कि दुनिया भर में लगभग 10 करोड लोग स्लिप एपनिआ यानि अच्छी नींद आने की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से 80% से अधिक लोग तो इस बीमारी से ही अनभिज्ञ हैं, और 30% लोग नींद लेते भी हैं तो उस क्रम को नियमित बनाए नहीं रख पाते
इससे निपटने के लिए क्या करें?
इस साल वर्ल्ड स्लिप सोसायटी द्वारा 16वां विश्व नींद दिवस/ नींद स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है थीम के साथ मनाया जा रहा है। इसे मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन में नींद के महत्व को समझाना और नींद से समझौता न करने की सलाह देना है। आइए हम भी कुछ बातें जानें इस नींद महत्व के बारे में।
खराब नींद का प्रभाव
खराब नींद के लिए दुनिया भर में 46% व्यस्क थकान व चिड़चिड़े व्यवहार को जिम्मेदार मांनते हैं,41% के लिए प्रेरणा की कमी,जागरूकता की कमी, और 39% लोगों में एकाग्रता की कमी को इसका मुख्य कारण मानते हैं।
वर्तमान समय की बड़ी चुनौती
वर्तमान समय में यह चुनौती गंभीर रूप धारण कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार नींद जीवन का एक अनिवार्य और सक्रिय चरण है। आम लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।यह नींद की कमी कई तरह के रोगों का कारण बन रही है जिसकी वजह से लोगों को इसे मुख्यता से लेना जरूरी है।
महिलाओं में भी इसका असर
महिलाओं में भी इस नींद की कमी का असर देखने को मिलता है। हर दूसरी और तीसरी महिला रात भर नींद नहीं आने की चुनौती से लड़ती हुई दिखाई देती है। हालांकि तनाव और मानसिक परेशानियां ही इसका प्रधान रूप से कारण मानी जाती है।इसके अलावा नशा जैसे शराब और सिगरेट आदि भी इसके मुख्य कारण माने जाते हैं।
नींद की कमी के परिणाम
इस चुनौती से जुड़े हुए लोग दिन भर थका महसूस करते हैं। उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन, कार्य क्षमता में कमी और विभिन्न तरह की चुनौतियां से वे घिरे हुए दिखाई देते हैं।
अगर सोना हो चैन से
अगर हमें मीठी नींद और चैन से सोना चाहते हों, तो हमें सोने का एक निश्चित समय निर्धारण करना आवश्यक है। इस समय हम किसी तरह का इंटरनेट मोबाइल और कंप्यूटर का प्रयोग करने से बचें। नींद के समय के 2 घंटे पूर्व ही इससे दूरी बनाना आवश्यक है, आजकल अधिकतर लोगों विशेषकर जवान और टीनएजर्स को सोने से पहले कंप्यूटर पर बैठ कर चैटिंग करना,गेम खेलने,और SMS करने की आदत देखी जाती है। इस तरह उनका सोने का समय निकल जाता है जो उन्हें पता भी नहीं चलता। इस प्रकार देर से सोना उन्हें देर से उठने के लिए मजबूर करता है, जिससे उनकी दैनिक दिनचर्या भी बिगड़ जाती है।
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हम स्वयं को नींद के लिए कैसे तैयार करें।
सोने के 2 घंटे पूर्व भोजन कर ले।
हाथ पैरों को ठंडे पानी से धोकर भोजन करें
भोजन करने के बाद थोड़ा टहलने की आदत बनाएं
सोने से पूर्व किताब पढ़ने की आदत डालें
सोने से पूर्व हम एक कप गर्म दूध लेकर भी नींद को आमंत्रित कर सकते हैं।
रात्रि का भोजन हम हल्का करें गरिष्ठ और देर से पचने वाले भोजन को खाने से बचें।
अच्छी नींद के लिए प्रातः काल जग कर एक्सरसाइज प्राणायाम और योग करना भी जरूरी है। ऐसा देखने में आता है जो लोग प्रातकाल एक्सरसाइज करते हैं,उनको रात में सुकून भरी नींद आसानी से आ जाती है। दिन में भी उन्हें विश्राम के लिए कुछ समय मीठी नींद का आनंद लेता हुआ भी देखा जाता है। इसलिए किसी भी हालत में एक्सरसाइज जरूर करें।
अगर संभव हो हम दिन के समय भी जब नींद आवे, उस समय हम इस जादू की झपकी ले और अपने मस्तिष्क को विश्राम प्रदान करें। हम अपने शयनकक्ष में पूरा अंधेरा कर के सोने जाने का प्रयास करें इससे हमारे मस्तिष्क को हमारे सोने जाने का सिग्नल मिलता है, जिससे नींद आसानी से आ जाती है।
मिठी नींद के लाभ
अच्छे नींद हमें अच्छे स्वास्थ्य से जोड़ती है हमारे मन के विचारों पर नियंत्रण लाती है हमारा मन शांति का अनुभव करता है। हमारी अच्छे नींद हमें ब्रह्मांड के साथ जोड़कर फिर से उरजावान बनाती है। हमारे शरीर में नए-नए हरमन का फिर से निर्माण करती है जिससे हमारा तनाव दूर होता है। हम पुनः शांति और प्रसन्नता का अनुभव कर पाते हैं क्योंकि इस समय हम विश्व शक्ति से जोड़ते हैं तो हमें इस दौरान विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण