क्या है अच्छे व्यव्हार का रहस्य | what is the secret of good behavior
हम सब भली भांति जानते हैं जीवन में सफलता,खुशहाली, मान सम्मान, अपनापन ,सुकून,चैन पाने और कुछ बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, हमारा व्यवहार।
क्या है अच्छे व्यव्हार का रहस्य | what is the secret of good behavior
हमारा व्यवहार —,हमारा व्यक्तित्व और स्वभाव का ही हमारा स्वरूप होता है। हमारा व्यवहार यह दिखाता है ,कि हम कैसे इंसान हैं, हमारी सोच कैसी है, हम इस दुनिया के प्रति ,आमइंसान के प्रति कैसा सोचते हैं, हमारा इन सबके प्रति नजरिया क्या है। सफलता समृद्धि और रिश्तो को कमाने के लिए हमारा व्यवहार ही प्रथम होता है ,हमारा व्यवहार ही हमारी प्रसन्नता के लिए सर्वप्रथम आवश्यक होता है। इसके लिए निम्न बातों का जीवन में विकास होना हमारा सीखना और प्रयोग मिलाना सर्वप्रथम आवश्यक होता है।
कुशल व्यवहार हमारे जीवन का आईना होता है, इसका हम जितना प्रयोग करते हैं, उतनी ही हमारी चमक और खुशियां बढ़ती चली जाती हैं|
Table of Contents
गुणों को देखें- न की दोष को|
व्यवहार कुशल बनने के लिए हमें कभी किसी के दोष की तरफ ध्यान नहीं देकर, उसके गुणों की तरफ ही देखकर,उसका आंकलन करना चाहिए।
विश्वासपात्रता के लिए वादों को निभाने की पूरी कोशिश करना|
विश्वासपात्र बनने के लिए हमें अपने सामने वाले व्यक्तित्व को किए गए वादों को निभाने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए।व्यवहार कुशल और व्यक्तित्व के लिए हमें अपने जीवन में बहाने बनाने से भी बचना चाहिए।
ध्यान से सुनें|
व्यवहार कुशल व्यक्तित्व बनने के लिए सामने वाले व्यक्ति की बातों को ध्यान से सुने,और उन्हें ऐसा एहसास करवायें, कि आप उनकी बातों में पूरी तरह दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
जैसे भोजन में कुछ मिठाई– उसी तरह अनमोल शब्दों का प्रयोग |
व्यवहार कुशलता के लिए अपने बातचीत की भाषा में कुछ चमत्कारिक शब्दों का प्रयोग करें। जैसे– थैंक यू , वेलकम,अद्भुत,बहुत सुंदर, wow,super,fantastic,आदि नए-नए शब्दकोश को सीखें ,और उसे अपनी आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग लाने के लिए काम करें, प्रयोग करें|
रिश्तों की कमाई|
हमारा अच्छा व्यवहार, हमारे सुंदर शरीर से ज्यादा अनमोल होता है ,क्योंकि इसीकी वजह से हम अपने जीवन में अपने रिश्तो को संजो कर रख पाते हैं ।हमारा व्यवहार ही हमारे रिश्तो की कड़ी में नई-नई सुगंध भरता है,और हम अपने इर्द-गिर्द खुशियों के नये फूलों को एकत्रित कर पाते हैं।
प्रशंसा का बम फोड़ें|giving respect to congnitive behaviour person is best..
सदैव प्रशंसा 10 लोगों के बीच में करें और यदि कोई निंदा, कोई सलाह ,कोई दोष बताना हो तो वह उस सामने वाले व्यक्ति को एकांत में बताएं। उस समय भी उसकी प्रशंसा और दोष को ऊपर नीचे sandwitch की तरह प्रशंसा रूपी ब्रेड में जैसे बीच में दोषों को खीरा टमाटर की तरह दबाकर और मिलाजुला कर बताएं ।जिस पर भी प्रशंसा का पलड़ा भारी हो ।
भावना की पहुँच हवा से भी तीव्र|
किसी से मिलने से पूर्व हमारी भावना वहाँ पहुंचती है, हम उसके बारे में क्या सोचते हैं, कैसा सोचते हैं,और उसी भावना के अनुरूप ही उस व्यक्तित्व के प्रति हमारी बातें निकलती है,इसलिए किसी से भी मिलने से पूर्व उसके प्रति अच्छी भावना मन में रखें,तभी हम एक दूसरे के प्रति सकारात्मक व्यवहार रखकर एक दूसरे को व्यवहार द्वारा संतुष्ट कर पायेंगे।
मौन की चमत्कारी शक्ति | it is better than disrespectful behaviour…..
बोलना अगर चांदी है ,तो मौन रहना सोना है, इसलिए कम से कम बोलने की आदत को जीवन में अपनाएं।अपनी इस आदत की वजह से हम व्यवहार जगत में लोकप्रिय हो सकते हैं।
देने की आदत डालें।
व्यवहार कुशलता के लिए हम कुछ ना कुछ देने की आदत बनाएं। यह कोई वस्तु विशेष से संबंध नहीं रखती।
देने से मतलब अद्भुत सुझाव, सकारात्मक शब्द ,कुछ मान सम्मान, कुछ प्यार की भावना, या कुछ छोटा – बड़ा कीमती तोहफा भी हो सकते हैं। यह तोहफा मुस्कुराहट भी हो सकता है।
सहनशील बन कर व्यवहरिकता की मिसाल बनें|
कुछ बातें कई बार जीवन में ऐसी सुननी पड़ जाती है जिसका पलट कर उत्तर देना उस रिश्ते को खोने के बराबर हो जाता है, इसलिए उस समय उस बात को भूलाने का ही प्रयास करें। क्योंकि उस बात से अधिक कीमती हमारा वह रिश्ता होता है।
व्यवहारिक होने के लिए यह हमारा कर्तव्य हो जाता है। एक न एक दिन उस इंसान की आपके प्रति बोली गई भावनाएं और बातें उसकी आत्मा में उसे स्वयं ही चेताएंगी , एहसास कराएंगी, कि उन्होंने गलत शब्दों ,और बातों का प्रयोग किया।वैसे भी इंसान जो बोलता है वह उसकी स्वयं की ही मानसिकता और उसकी सोच मात्र होती है ऐसा ही जाने, और सहन करके उस समय को निकाल दें, क्योंकि यह समय क्षणिक होता है, और हमारे रिश्ते शाश्वत होते हैं।
हमारा व्यवहार हमारा व्यक्तित्व दर्शाता है|
हमें कितना सुखद अनुभव होता है ,जब हमारा नाम होता है, लोग हमें जानने लगते हैं,हमारे बारे में सोचते हैं, हमको चर्चा का विषय बनाते हैं, हमारा उदाहरण देते हैं,हमसे मिलने के लिए लालायित रहते हैं। गजब की स्थिति होती है ,जब लोग हम से प्रेरणा प्राप्त करना चाहते हैं।जब हम सफलता के उच्चतम स्तर पर पहुंचते हैं , तब हम आम लोगों की भीड़ से निकलकर खास लोगों की श्रेणी में आते हैं।हम अपनी विशिष्ट पहचान बना पाते हैं।
अच्छा व्यवहार ही सब गुणों का सार |
स्वयं को एक अच्छा और व्यवहारिक व्यक्ति बनाने की शुरुआत हम अपने घर से ही करें। परिवार में सुख, शांति, सौहार्द ,प्रसन्नता और सम्मान बनाए रखने के लिए परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे को मान देना सीखें तथा एक दूसरे की अहमियत को समझें।एक दूसरे के विचारों का आदर करें, इससे परिवार में प्रसन्नता बढ़ती है और हर व्यक्ति सदा ही व्यवहारिकता की मंजिल पर पहुँचता है।
आपका व्यवहारिक होने का अर्थ|
व्यवहारिकता होने का अर्थ है- ऐसा कार्य करना जिससे हम सामने वाले के मन को जीत सकें । इसके लिए बातचीत के दौरान ऐसे शब्दों का प्रयोग करें, जो सुनने वाले को सुखद लगे।उसे इस प्रकार से सहयोग करें की सामने वाले व्यक्ति को अपनत्व का एहसास हो । सामने वाले को ऐसा एहसास कराना कि वह हमारे पक्ष में खड़ा हो सके इसी को व्यवहार कहते हैं ।वह हमारी बात मान सके, हमारी बातों का टाल न पाए।
लोगों की सोच और व्यवहार को समझें|
व्यवहार के रास्ते पर चलने के लिए सबसे पहले जरूरी है, हम लोगों की सोच और उनके स्वभाव को समझें / यह भी हममें समझ हो की कोई भी मनुष्य ऐसा क्यों कर रहा है/ इन सबकी हमें समझ होनी चाहिए।अलग-अलग स्थिति की अलग-अलग समझ होने से हम लोगों के दिलों को आसानी से जीत पाते हैं। हम उनको — उनके स्वभाव के अनुसार ही व्यवहार करके उन के दिलों पर भी राज कर सकते हैं।
अधिक से अधिक सुनने की आदत बनाएं|
हम जितना अधिक सुनेंगे, उतने ही अधिक व्यवहार कुशल होते जाएंगे ,उतने ही अधिक लोगों के द्वारा हम पसंद किए जाएंगे। बोलने से भी ज्यादा मूल्यवान होता है सुनना। ठीक तरह से सुनी गई बात विचार या प्रस्ताव– बोलने की ऊर्जा और समय दोनों को बचाता है ।दोनों पक्ष को प्रसन्नता देता है।
अच्छे श्रोता बने, और इसके लिए सामने वाले व्यक्ति की आंखों मे देखें ,थोड़ा आगे की ओर झुककर ,ध्यान से उनकी बातें सुने।बातचीत उन बातों पर ही करें ,जिस विषय पर बातचीत की जा रही हो, बीच में टोका टोकी ना करें, इस प्रकार का व्यवहार करने से हम धैर्यवान में भारी ,व्यवहारिक, विनम्र, और सूझबूझ वाले व्यक्तित्व के रूप में अपनी छवि उसकी नजर में बना पाते हैं। इसके बाद अगर हम किसी प्रस्ताव को अगर सामने भी रखते हैं, तो वह मानने के लिए बाध्य हो जाता है।
तीसरे व्यक्ति को मध्यस्थ बनाएं।
व्यवहारिक व्यक्ति कई बार किसी तीसरे व्यक्ति के माध्यम से भी अपनी बात को रख सकता है, जिससे दोनों ही व्यक्ति अपने व्यवहार में खरे उतर पाते हैं। इससे प्यार और विश्वास एक दूसरे के प्रति बना रहता है। इससे दोनों व्यक्ति का व्यवहार भी बना रहता है और अपनी बातें भी एक दूसरे के सम्मुख रख पाते हैं।
मुस्कुराहट की खुशबू फैलाएं|
छोटा सा नाम है मुस्कान किंतु यह दिलों के लंबे फासले को पल भर में कम कर देती है। यह मुस्कुराहट चेहरे का आभूषण भी है जिसे धारण करते ही हम लोगों के चहेते और यादगार बन जाते हैं।
गजब के फायदे
इस मुस्कुराहट से परिवार में सुख का वातावरण बनता है ।हमारे व्यापार में वृद्धि होती है ,जीवन में मित्र और शुभचिंतकों की संख्या निरंतर बढ़ती है ।यह हमारे जीवन में थके हुए के लिए आराम का काम करती है,और हम जब हतोत्साहित होते हैं ,तो यह हमें उत्साह प्रदान करती है ,और हमारे जीवन में खुशियां ही खुशियां लाती है।
साफ शब्दों में आभार प्रकट करें|
मनुष्य के चरित्र को जानने वाला हर व्यक्ति अच्छी तरह जानता है कि मनुष्य सदा से प्रशंसा सुनने का आदि रहा है। इसलिए जब कोई व्यक्ति हमारा उद्धार करता है, हमारा भला करता है, हमें किसी भी तरह की राहत पहुंचाता है, तब मानवीय संबंध और व्यवहार कुशलता के लिए बहुत जरूरी है कि हम खुले दिल से उसका आभार प्रकट करें।
आभार का व्यवहार हमेशा के लिए, हमें उस व्यक्ति से जोड़ देता है ,हमारे संबंधों को मजबूत करता है इसलिए जिस व्यक्ति का हम आभार प्रकट करें ,उसका नाम लेकर उसकी आंखों में आंखें डाल कर खुले शब्दों में कहें, तो वह व्यक्ति हमारे साथ सदा के लिए खड़ा हो जाता है।
व्यवहारिक बनने के लिए दूसरों की भलाई में सहयोग की भावना हो, स्वार्थ की नही।
पीठ पीछे हुई हमारी प्रशंसा हमारी छवि को काफी हद तक निखार देती है, इसलिए स्वयं अपने मुंह से कार्य को करके ना बताएं।जहां तक हो सके दूसरे की कमजोरी पर भी पर्दा ही डालें, उन्हें सिर्फ यही एहसास दिलाएं कि आप इंसानियत, मित्रता, और रिश्ते की वजह से उनकी मदद कर रहे हैं।
बातचीत की कला सीखें बहुत सूझबूझ कर ही बोले|
हमेशा ध्यान रखें, किसी शब्द का उच्चारण या बोलने से पहले बहुत सूझबूझ से प्रयोग करें,क्योंकि एक बार सुना हुआ शब्द मनुष्य कभी भुला नहीं पाता। सारी जिंदगी की मीठी बोली बोल कर बनाया गया व्यवहार एक बार बोली हुई अप्रिय बोली से समाप्त हो जाता है।
विकास की यात्रा |
कुल मिलाकर हर व्यक्ति सफल होना चाहता है, आगे बढ़ना चाहता है, आसमान की ऊंचाइयों को छूना चाहता है। हर व्यक्ति यही चाहता है ,सारी दुनिया में उसके अस्तित्व को उसके ही नाम से जाना जाए, माना जाए और स्वीकार किया जाए, तो इस ऊंचाई को छूने के लिए सबसे जरूरी है, अपने जीवन में हमारे आसपास के लोगों और अपने कार्य क्षेत्र में संपर्क में आने वालों से हमारा व्यवहार कैसा हो। हमारा व्यवहार ही हमको लोकप्रिय और सबका चेहता बनाता है।
हर मानव के विकास का प्रारंभिक इतिहास जब हम देखते हैं तो मानव सभ्यता के विकास की शुरुआत भी समूह में रहने से ही शुरु हुई , और इसके लिए जरूरी है हम व्यवहार को सीखें, अपनाएं, और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं..
Bts : behaviour to super
Thank you..
जय श्री कृष्ण ……..