बातचीत की कला में मास्टर बनें
बातचीत की कला क्या है # इसका क्या अर्थ है
बातचीत meanig in english /communication बातचीत की कलावह कला है जिसमें अपने विचारों के द्वारा दो व्यक्ति एक दूसरे के समक्ष अपने कॉमन विचार को रखते हैं,और एक दूसरे के लक्ष्य को समझने का प्रयास करते हैं।
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सोचिये
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क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों समान योग्यता वाले एक शिक्षक के पास छात्र नहीं होते और दूसरे शिक्षक के यहां भीड़ लगी होती है। क्यों एक सेल्समैन उन्हीं साधनों से बिक्री के तमाम लक्ष्य प्राप्त कर लेता है और दूसरा असफल हो जाता है।
क्यों
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क्यों एक एमबीए डिग्री धारी को इंटरव्यू के बाद तुरंत नौकरी मिल जाती है और दूसरे को निराशा हो सकती है। क्यों एक गुरु का लाखों का इंतजार करते हैं,और दूसरे गुरु को भक्तों का इंतजार होता है। क्यों एक छात्र ,ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू में घबराहट की वजह से फेल हो जाता है और दूसरा सबका दिल जीत लेता है
फर्क
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एक जैसी डिग्री और योग्यता होने पर भी सफलता में इतना बड़ा फर्क कैसे पैदा होता है,इसका अर्थ है कि हमारे शिक्षण संस्थानों में दी जाने वाली औपचारिक शिक्षा सफलता की गारंटी नहीं देती,इसके लिए मेरे मत में सफल और असफल व्यक्ति के बीच में फर्क बात चित और happy science के ज्ञान की कमी की वजह से पैदा होता है।
बोलने की कला और स्वयं को सटीक रूप से अभिव्यक्त करने की क्षमता से चाहे सामना एक से या हजारों से हो,व्यक्ति जो बिना झिझक और भय के अपनी बात रखने का साहस रखता है,वही आम लोगों की भीड़ से अलग हटकर बड़ी सफलता को प्राप्त करता है।
लाभ
एक प्रभावशाली वक्ता बनने से ही हम प्रसिद्धि सम्मान और सफलता को पा सकते हैं।अच्छे से बातचीत की कला,समाज और कार्यक्षेत्र में हमको कितनी भी सफल,अमीर और लोकप्रिय बना सकती है।
पूरी जानकारी
किसी काम में सफलता के लिए उसकी पूरी जानकारी देने का प्रयास करें। हमारी बातचीत का उद्देश्य, कब करना है, क्या समय होगा,किस बारे में बातचीत है,उसकी पहले से तैयारी करके जायें।
आवाज़ की स्पस्टता, और हाथ का प्रयोग
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अधर पर हल्की मुस्कान और हमारा मौन ऐसा होना चाहिए जो बिना कहे ही सामने वाले व्यक्ति के ऊपर हमारा प्रभाव छोड़े।हमेशा याद रखें हमारी वाणी के साथ साथ हमारे शरीर का रोम रोम भी बोलता है हमारे हाव-भाव भी बोलते हैं।
अपनी आवाज में एक आकर्षक तेज बनाकर रखें,अपने हाथों से भी सामने वाले का ध्यान अपनी और आकर्षित रखें।हमारी बातों में स्पष्टता नजर आए,हम सही शब्दों का प्रयोग स्पस्टता से करें,संक्षिप्त रूप में अपनी बात को समझा सके,हमारी बात में रचनात्मकता विनम्रता और शिष्टाचार भी हो।
अपनी बातों में इस बात का ध्यान रखें स्वयं की प्रशंसा ना करने लगे।अपनी विजय और उपलब्धियों का श्रेय हम दूसरों को देकर दूसरों की दिल खोलकर प्रशंसा करें,उनकी खूबियों की भी चर्चा करें।अपनी असफलता का जिम्मा हम स्वयं अपने ऊपर ले,और दूसरे पर दोशारोपन करने से बचें।
माहौल के अनुसार वस्त्र धारण करें
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हमारा प्रभाव हमारे व्यक्तित्व की प्रथम पहचान होती है।हम समय और माहौल के अनुसार ही अपनी वेशभूषा का चयन करें
अपने शरीर पर हल्की किसी सुगंध का प्रयोग कर बातचीत के दौरान बैठे।
कुछ सावधानी बरतें
लोकप्रिय बातचीत के लिए निंदा और विवादों की बात से बचें,शिकायत ना करें
बातचीत के दौरान दूसरे को भी बोलने का मौका देना और बातचीत के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना एक सफल वक्ता की निशानी है।उन्हें भी यह महसूस हो कि हम कितने सहयोगी हैं इससे वे भी मित्रवत हमसे अपनी बातें मनवा सकते है। बातचीत कभी भी एक तरफा नहीं होती उसके लिए दोनों पक्षों की सहभागिता आवश्यक है।
बातचीत के दौरान सामने वाले से व्यर्थ की बातों को करने से बचें,हमेशा जीतने का प्रयास करने से भी बचें,दूसरों की प्रशंसा करते हुए बातें करें।निंदा करने से बचे, मुस्कुरा कर बातें करें,सामने वाले व्यक्ति को नाम लेकर पुकारे,बातचीत के दौरान कई बार उनका नाम ले।एक ही बात को बार-बार ना बोले।
मैं की जगह हम शब्द का प्रयोग करें।
बातचीत के दौरान मोबाइल को साइलेंट मोड में रखें ताकि बातचीत की गति न टूटे।
हर बात को ध्यान से सुने,ताकि बोलने के पहले सोचने का अवसर मिले।
प्रशंसा के दो शब्द
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अंत में बातचीत के बाद उनसे कुछ अच्छा जरूर बोले कि,मैंने आपसे सलाह मांगी,मैं आपकी सलाह से काफी उत्साहित हूं आदि।
उनसे यह भी कह सकते हैं,आपके सोचने और दुनिया को देखने का नजरिया मुझे बहुत अच्छा लगा।
आज आप कुछ खास लग रहे हैं,आपकी बातें और आपका औरा मुझे प्रभावित कर रहा है,आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।
आपकी ऊर्जा मुझे बहुत अच्छी लगती है
आपका इतना अच्छा व्यक्तित्व होने के लिए शुक्रिया,आज के इस माहौल में आप कैसे इतने प्रभावी इंसान बन सके, ऐसा बोल पर उनकी तारीफ करें।
बातचीत की कला में महारत लोगों के अन्य गुण
बातचीत में लोकप्रिय लोग जहां जाते हैं वहां अपनी छाप छोड़ते हैं और सफलता हासिल करते हैं।वे जहां जाते हैं वहां आसानी से अपने दोस्त बना लेते हैं और उनसे लाभ उठा पाते हैं। अपनी बातचीत में महारत लोग इस बात को भी समझने का प्रयास करते हैं कि सामने वाला क्या जानना चाहता है,और किस विषय पर बातचीत करने से बातचीत विस्तार से हो सकती है, वैसे ही प्रश्न करते हैं। इसके लिए वे अपने आंखों का कांटेक्ट भी सामने वाले से टूटने नहीं देते।
बातचीत की कला निखरता हमारा व्यक्तित्व
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हमेशा याद रखें हमारी बातचीत से ही हमारे स्वभाव, हमारा चरित्र और हमारी सोच झलकते हैं,इसलिए हमें बातचीत कैसे करनी है,इसे सीखना हर मानव के लिए अति आवश्यक है।क्योंकि यह बातचीत की कला हमारे जीवन की कदम कदम पर खुशियों और सफलता को प्रशस्त करती है और हमें आगे बढ़ाती है। बातचीत की कला ही हमें सफलता समृद्धि धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति कराती है,जिसके फलस्वरूप हमें खुशियां मिलती है,इसलिए इस कला को सीखना अति आवश्यक है।
धन्यवाद
जय श्री कृष्ण