हमारा बच्चा ईश्वर का अनमोल उपहार है। हम किसी को भी उपहार देते हैं बहुत समझ बुझ कर देते हैं।बच्चा ईश्वर का दिया गया अनमोल उपहार उसकी सर्वोत्तम रचना उपहार स्वरूप है।

युवा होते बच्चे भी अपने माता-पिता के अनुभवों का आदर करें। माता पिता सिग्नल के लाइट रेड लाइट की तरह हैं, जो हमें अपने अनुभवों के आधार पर रोकते और समझाते हैं।

यह तो हर युग की बात है नई जनरेशन कुछ नया करती है, पुरानी जनरेशन उसे एक्सेप्ट करती है ,अपनाती है ,प्रकृति का यही नियम चलता आया है।

इस Gap को कम करने के लिए पेरेंट्स को भी इस बात को जानना बहुत जरूरी है की परिवर्तन को उन्हें स्वीकार करना होगा।

जेनरेशन गैप को समझने के लिए अपने परिवार के महत्व को समझना बहुत आवश्यक है।

खुशहाल परिवार की विशेषताएं जानना बच्चों और पेरेंट्स दोनों के लिए बहुत आवश्यक है।

अपने त्योहारों को समझना, अपने धर्म को समझना, अध्यात्म को जानना भी जनरेशन गैप को समझने के लिए आवश्यक है।

हमारे सामाजिक जीवन में रिश्तो का महत्व क्या है।

माता-पिता बच्चों के टैलेंट की कद्र करें हमेशा याद रखें बच्चे आपसे ज्यादा बुद्धिमान हैं।उनके पास आने वाले 25 साल बाद का ज्ञान, ऊर्जा, उनके मस्तिष्क में बंद है,और वह उसी के अनुरूप अपनी सब क्रियाएं करते हैं।आप उसे ग्रहण करने के लिए तैयार रहें।

हम अपने जीवन में ज्यादा बुद्धिमान और टैलेंटेड व्यक्तियों की सलाह लेते हैं, हमारे बच्चे भी हमसे ज्यादा बुद्धिमान और टैलेंटेड हैं।

इस जेनरेशन गैप को समझने के लिए यह भी जान लें की युग अब क्रांतिकारी परिवर्तन करने को है,दो पीढ़ियों के बीच बदलाव शुरू हो चुका है।

युवा बच्चों को अपना दोस्त माने।

आपका बच्चा वही करता है जो आप करते हैं

बच्चों से थोड़ा डिस्टेंस भी बनाकर चलें।बच्चों पर विश्वास करें।

बच्चों को साहसिक कार्य करना, हंसी मजाक करना बहुत पसंद है, कुछ नया या अलग करना चाहे तो उन्हें प्रोत्साहित करें।

युवाओं के लिए माता-पिता से बढ़कर उनके दोस्त, उनकी भी कद्र करें।

उनकी गलतियों के लिए उन्हें एकांत में समझाएं।

जेनरेशन गैप को समझने के लिए हमारा ब्लॉग खुशियां ही खुशियां आपके लिए नए और कुछ पुराने अनुभव का सम्मिश्रण लेकर आया है।