What is happiness?
सुख-शांति मन में होती है, वस्तु में नहीं। आपको अपने सिवाय और कोई खुश नहीं कर सकता
खुशी को खरीदा नहीं जा सकता, उसे केवल अनुभव किया जा सकता है।
सुख का स्रोत हमारे अंदर है। उसे बाहर खोजने का व्यर्थ प्रयत्न न करें।
सुख-शांति हमारी मूल प्रकृति तथा आंतरिक प्यास है। इस प्यास को किसी सांसारिक वस्तु या इंद्रिय सुख से नहीं बुझाया जा सकता।
तनाव का कारण भी हमारे मन में है। ज्ञान के द्वारा इसको दूर कर सकते हैं।
हम जब तक स्वयं दुखी न होना चाहें, कोई हमको दुखी नहीं कर सकता।
प्रसन्नता हमारा अनमोल खजाना है। छोटी-छोटी बातों और विभिन्न परिस्थितियों द्वारा उसे लुटने मत दीजिए।
कुल मिला कर खुशी को समझना और जानना जरूरी है
आप इसकी विस्तृत जानकारी हमारी web site पर पढ़ सकते है,
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