अच्छे और
सच्चे मित्र
बड़ी
किस्मत
से मिलते हैं।
अपने मित्रों का चयन हम
स्वयं
करते हैं, इसलिए यह बहुत बड़ी बात होती है कि अगर हमें जीवन में
सच्चा मित्र
मिल जाए।
जैसा हमारा
व्यक्तित्व
,
विचार,
सोच होती है वैसे
हमारे मित्र
होते हैं।
सच्चा मित्र वही होता है जो अपने मित्र को भी अपनी बराबरी वाला बनाने का प्रयास करता है जैसे
कृष्ण ने सुदामा
को बनाया।
राम राजा थे तो उन्होंने अपने मित्र
सुग्रीव
और
विभीषण
को भी राजा बनाया |
मित्रता उनसे करें जिनके जीवन में
सच्चाई
और
सपष्टता
हो।
मित्र उन्हें बनाएं जिनमें अच्छे
संस्कार
,
धर्म
और
अध्यात्म
हो |
जो
नेक दिल
हो, जो बुरी आदतों से बचे हों, बुरे काम करने से
डरते
हों,
मित्रता
उनसे भली।
अच्छे और सच्चे
दोस्त
ईश्वर का
आशीर्वाद
है।
अच्छे और सच्चे
दोस्त
ईश्वर का
आशीर्वाद
है।
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