आज
प्रातः कालीन आँखें खुलते ही सबसे पहले उस परमपिता को धन्यवाद करें, जिन्होंने आज का 1 दिन हमें और दिया
उन पूर्वजों और
माता पिता
के प्रति भी कृतज्ञता का भाव ज्ञापन करें जिनकी कृपा से यह जीवन मिला
उगते हुए सूर्य को प्रणाम करें
जिनके निकलने से ही सारी प्रकृति का कार्य शुरू होता है
हवा में झूमते वृक्षों के सौंदर्य को निहारे
पक्षियों का मधुर कलरव सुनने का प्रयास करें
फूलों और बहारों के पारस्परिक आकर्षण और उनके प्यार का निरीक्षण करें
इससे हमारे मन में प्रसन्नता का भाव उत्पन्न होगा जिससे अपने आप सकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ेगा
हमें प्राप्त सुख और सुविधा के लिए भगवान को धन्यवाद करें
यह भी संकल्प करें कि आज स्वयं भी खुश रहेंगे
हर मिलने वाले व्यक्ति को भी जितना संभव हो सकेगा खुशी देने का प्रयास करेंगे
खुशी को जितना बांटते हैं उतनी बढ़ती चली जाती है
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