यदि कष्ट से बचना है, तो कृष्ण की और आकृष्ट होना जरूरी हैं।

यदि खुद हम अपनी चुनौती को देखने जाएँगे तो, जैसे अर्जुन के हाथ पाँव कंपाने लगे वो होना है, अर्जुन ने कृष्ण से कहा मैं देखूंगा रथ को ले चलो कौन कौन है जो मुझसे लड़ने आये हैं।

इस दुनिया में अच्छा या बुरा बोलकर कुछ नहीं होता , जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है और वही होता है जो उस समय होना जरूरी होता है। 

ऐसा कभी हो नहीं सकता कि कोई इंसान बिना कर्म किए एक क्षण भी रह सके और उस कर्म का फल प्राप्त किए बिना रह सके।

बदलाव इस सृष्टि का नियम है। बदलाव निश्चित होगा। 

आज हम जो भी हैं अपनी सोच और विश्वास की वजह से हैं। 

पांडव और कौरव दोनो युद्ध कर रहे थे किंतु इरादे पांडव के सर्वोच्च थे, इसलिए कृष्ण उनके साथ थे। 

संघर्ष तो करना ही होगा, हर हाल में डटे रहें। 

हम केवल अपना काम करें, परिणाम की परवाह न करें। 

मन को जीता जा सकता है। Nothing is impossible 

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तब तक के लिए  हरे कृष्ण,  हरे कृष्ण,  हरे हरे

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