Krishna
कृष्ण आकर्षक और रमणीय व्यक्तितत्त्व हैं।
कृष्ण जैसे सिर्फ कृष्ण हैं उनके जैसा कोई नहीं।
कृष्ण का चिंतन इसलिए करते हैं, क्यों की जिसका चिंतन करते हैं उनके गुण हमारे अंदर आ जाते हैं।
कृष्ण रोज प्रात:काल उठ कर प्रथम आत्म शक्ति का ध्यान करते हैं।
ध्यान के बाद वे स्नान करते हैं।
फिर वे संध्या वंदन करते हैं।
वे जप करते हैं, उस समय मौन होते हैं।
अपने से बड़ों को प्रणाम करते हैं, सबकी कुशल पूछते हैं।
फिर वे १३००० गौ का रोज दान करते हैं
फिर वे गौ माता, ब्रह्मन और गुरु वृद्ध को प्रणाम करते हैं।
फिर वे अपना श्रृंगार करते है
फिर वे जलपान और पान ग्रहण करते हैं
फिर वे अपने रथ पर दारूक के साथ कार्यलय को जाते हैं
बाकी विस्तृत जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग पर कृष्ण और उनकी प्रेरणा के विभिन्न स्रोतों को पढ़ें
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