व्यापार ही दौलत का सच्चा निर्माण करती है। 

व्यापार में बेचना ही प्रधान है। 

व्यापार से ही पैदा होते हैं,सभी उत्पाद और सेवा

सारे सैलरी और भुगतान व्यापर की वजह से होते हैं। 

चीन, America, Russia, Japan aur यूरोप की गणना शक्तिशाली देशों में व्यापार की वजह से होती है। 

भारत जैसा विकासशील देश,विकसित देशों के व्यापारियों की ओर देखता रहता है कि वे हमारे देश में निवेश करें,हमारे देश में व्यापार में निवेश बढ़ाएं। 

एक व्यापार से 10 नए व्यापार का जन्म होता है।  जैसे गूगल की सेवाओं की वजह से व्हाट्सएप,फेसबुक,टि्वटर आदि। 

व्यापार की वजह से ही बढ़ती है निर्यात और विदेशी मुद्रा देश में आती है जिससे देश का विकास होता है। 

व्यापार करने वाले ही मिलेनियर बनते हैं, नौकरी करने वाले तो नौकर बनकर रह जाते हैं। 

भारत को नौकर पैदा करने वाला देश नहीं बना कर, मालिक बनाने वाला देश बनाना है। आइए चले आत्मनिर्भर भारत की ओर

आजादी के 75 वें साल में प्रवेश पर देश को आत्म निर्भर भारत बनाएं। 

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