खुशी अंदर से आती है

खुशी एक मानसिक अवस्था है क्योंकि जब हम खुश होते हैं तो हमारी उत्साह और शक्तियां बढ़ जाती है.

हम प्राणायाम और व्यायाम के द्वारा इस खुशी के पैमाने को बढ़ा सकते हैं

खुशी हमारी अंदरूनी सोच और विचारों से हमें मिलती है इसलिए हम क्या सोच रहे हैं इसका ध्यान रखना जरूरी है

खुशी का सीधा संबंध हमारे प्यार की भावना से है इसलिए अपने प्यार की भावना को जताने और बताने की आदत डालें

जब हमारे शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है हमारी सांसें फूलने लगती है तब हमें एक नया एहसास होता है और इस अहसास को प्राप्त करने के लिए हम नाचे गाए ठहाके लगाकर हंसने की आदत डालें जो हमें खुशी दे सकती है

अंदरूनी खुशी हमें अपने मन के पवित्र विचारों से मिलती है इसलिए अपने अंदर की सफाई पर भी ध्यान दें अपने मन के विचारों को सात्विकता और पवित्रता से जोड़े रखें थोड़ा ध्यान भी जरूर करें

हम सभी प्राकृतिक प्राणी है इसलिए अंदरूनी खुशी के लिए हम प्रकृति के साथ समय जरूर व्यतीत करें

अपने जीवन में अंदरूनी खुशी के लिए अच्छा इत्र लगाएं, सच्चे मित्र बनाएं,और सकारात्मक और प्रेरणादायक चित्रों से अपने घर को सजाएं

अंदरूनी खुशी के लिए परमात्मा के आभारी बन जो मिला है उसके लिए उसका धन्यवाद रोज जरूर करें

ताजा बना भोजन फल सब्जी दूध और शाकाहारी भोजन हमें मन की शांति और अंदरूनी खुशी देता है इसे ही ग्रहण करें

जब हम प्रकृति के नियम अनुसार समय पर सोते उठते खाते पीते हैं तभी हमें अंदरूनी खुशी मिलती है यह सब नित्य के कार्य समय पर ही करें

जब हम आत्मनिर्भर होते हैं तभी हमें अंदरूनी खुशी मिलती है इसलिए हम आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने काम से प्यार करें और उसमें विशेषता हासिल करने का प्रयास करें

अंदरूनी खुशी के लिए उन लोगों की भी मदद करें जिन से हमारा कोई संबंध नहीं

अंदरूनी खुशी के लिए हर हाल में अपने आत्मविश्वास धैर्य और विश्वास को बनाए रखें