खुशियों के लिए
खुशियों के लिए
आओ सजा ले अपने आज को कल का पता नहीं
आओ
सजा ले
अपने
आज
को
कल
का
पता नहीं
हम ही हैं अपनी जिंदगी के शिल्पकार
हम ही हैं
अपनी जिंदगी
के
शिल्पकार
खुशियों के लिए किसी और का इंतजार नहीं
खुशियों
के लिए किसी और का
इंतजार नहीं
हम अपने वास्तविक स्वरूप में खुशियां खोजें
हम अपने
वास्तविक
स्वरूप में
खुशियां
खोजें
हमारा वास्तविक
स्वरूप मुस्कान शांति और मीठे बोल हैं
हमारा वास्तविक
स्वरूप
मुस्कान शांति
और
मीठे बोल
हैं
अपने विसाद
को प्रसाद में बदलें
अपने
विसाद
को
प्रसाद
में बदलें
अपने निज रूप में रहे तभी हम निश्चिंत रह सकते हैं
अपने
निज रूप
में रहे तभी हम
निश्चिंत
रह सकते हैं
सबसे बड़ी पीड़ा मानव का डर है जिसे भी समझना जरूरी है
सबसे
बड़ी पीड़ा
मानव का
डर
है जिसे भी
समझना
जरूरी है
गम की कट्टती नहीं एक रात खुशी के सौ दिन भी गुजर जाते हैं
गम
की कट्टती नहीं एक
रात खुशी
के
सौ दिन
भी गुजर जाते हैं
आइए फिर से शुरुआत करें खुशहाल जिंदगी जीने की
आइए फिर से
शुरुआत
करें खुशहाल
जिंदगी जीने
की
Thank you for Watching
बाकी विस्तृत जानकारी हमारे ब्लॉक पर उपलब्ध है
Learn more