आये जानते है ,जीवन की रथ यात्रा के बारे में

शौर्य और धैर्य उस रथ के पहिए हैं। 

सत्य और शील,सदाचार उसकी मजबूत ध्वजा और पताका है।

बल, विवेक, दम, इंद्रियों का वश में होना, और परोपकार, यह चार उसके घोड़े हैं,जो क्षमा, दया,और समता रूपी डोरी से रथ में जुड़े हुए हैं।

ईश्वर का भजन उस रथ को चलाने वाला चतुर सारथी  है।

वैराग्य ढाल है, संतोष तलवार है, दान फरशा है, बुद्धि प्रचंड शक्ति है, श्रेष्ठ विज्ञान कठिन धनुष है।

वैराग्य ढाल है, संतोष तलवार है, दान फरशा है, बुद्धि प्रचंड शक्ति है, श्रेष्ठ विज्ञान कठिन धनुष है।

आइये इस रथ की यात्रा करें  |